तेरी करतूतों के आगे गई हूँ हार मुझे बचाकर कर अपना जीवन साकार। तेरी करतूतों के आगे गई हूँ हार मुझे बचाकर कर अपना जीवन साकार।
विश्वास करो न करो तुम सारी जमीन, सारा आकाश तुम्हारा होगा। विश्वास करो न करो तुम सारी जमीन, सारा आकाश तुम्हारा होगा।
छल कपट दिल से निकालो यारों अब दोस्ती दिल से निभाओ तो सही। छल कपट दिल से निकालो यारों अब दोस्ती दिल से निभाओ तो सही।
मैं तो खेलूं होली मेरे सांवरिया के संग। मैं तो खेलूं होली मेरे सांवरिया के संग।
शोषण का घूंट पीकर स्वयं को रोज कोसती रही कौन सुनता है, कौन देखता है ? शोषण का घूंट पीकर स्वयं को रोज कोसती रही कौन सुनता है, कौन देखता है ?
छल -कपट से दूर रहो सन्मार्ग की तरफ तुम्हारी राह होI छल -कपट से दूर रहो सन्मार्ग की तरफ तुम्हारी राह होI